मन की व्यथा
मन क्यों है उदास, ना जाने है किसकी आस
बादल घुमड़कर बढ़ा रहे है धरती की प्यास, ना जाने कब होगी यह बरसात
मंडराते भौरों से कलियों ने पूछी एक बात, कब बनूँगी मैं फूलों की रास
मन क्यों है उदास, ना जाने है किसकी आस
बहते झरनो से पूछी चट्टानों ने एक बात, कब लौट आओगे मेरे पास
चंदा मामा की कहानी सुनकर बालक ने पूछी एक बात, कब आयेगा चाँद मेरे पास
मन क्यों है उदास, ना जाने है किसकी आस
काश एक टूटता तारा होता मेरे पास , हर इच्छा पूरी हो जाती आज
पर शायद सुख दुःख, प्यास, आस है जिंदगी का नाम
काश यह समझकर न रहूँ मै उदास, पर फिर भी दिल कहता है मुझे है किसी की आस
मन क्यों है उदास, ना जाने है किसकी आस
waah! bahut sunder
जवाब देंहटाएंThank u so much Aanchal...
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