मुलाकात
आज कुछ मुलाकात हो गयी
पुराने कागजात में
चंद मुस्काने मिल गयी
पुराने कागजात मे
वह अखबार का पन्ना
जो काफी सहेज कर रखा था
आज पंद्रह साल बाद भी
वह छपी कविता दिल को छू गई
वह डायरी का पन्ना जो
अब पीला पड़ चुका है
उसपर लिखी बातें
हौले से सहला गई
वह कुछ सर्टिफिकेट
जो जीते थे स्पर्धा में
आज सामने आते ही
वह तालियों की गड़गड़ाहट कानों में गूंज गई
वह गुलाब की सूखी पंखुड़ियाँ
अभी भी खुश्बू समेटे है
शायद कुछ यादों की
कुछ वापस ना आने वाली जज्बातों की
कुछेक पन्नो पर, बहती नदी,
घर, पहाड़ के चित्र थे
रंग फीके पड़ गए थे
पर वह फिर भी इस बेरंग दुनिया से अच्छे थे
अच्छा हुआ इन पीले पड़े कागजो से
मुलाकात हो गई
कम- स -कम दो क्षण ही सही
होंठो की मुस्कराहट से मुलाकात हो गई
जो काफी सहेज कर रखा था
आज पंद्रह साल बाद भी
वह छपी कविता दिल को छू गई
वह डायरी का पन्ना जो
अब पीला पड़ चुका है
उसपर लिखी बातें
हौले से सहला गई
वह कुछ सर्टिफिकेट
जो जीते थे स्पर्धा में
आज सामने आते ही
वह तालियों की गड़गड़ाहट कानों में गूंज गई
वह गुलाब की सूखी पंखुड़ियाँ
अभी भी खुश्बू समेटे है
शायद कुछ यादों की
कुछ वापस ना आने वाली जज्बातों की
कुछेक पन्नो पर, बहती नदी,
घर, पहाड़ के चित्र थे
रंग फीके पड़ गए थे
पर वह फिर भी इस बेरंग दुनिया से अच्छे थे
अच्छा हुआ इन पीले पड़े कागजो से
मुलाकात हो गई
कम- स -कम दो क्षण ही सही
होंठो की मुस्कराहट से मुलाकात हो गई
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