गर्व है मै 'भैया' हूँ
'भैया' जिसका एक अर्थ होता है, 'भ्राता' 'भाई' या अंग्रेजी में कहे तो 'Brother'. पर समय के अनुसार भाषा लिपि में परिवर्तन होता रहता है. तो आज कल 'भैया' शब्द का उपयोग उत्तर भारतीय लोगो का मजाक उड़ाने में किया जाता है. या फिर कोई अगर कोई काम ढंग से ना करे तो उसे 'भैया' कह दिया जाता है.
चार दिन पहले दफ्तर में एक कर्मचारी, जो की नयी परिभाषा के आधार पर जात से 'भैया' था उसने कोई कागज़ पढ़ी लिखी नॉन - भैया के हाथ में थमाया जो की थोड़ा मुड़ गया था. उसके जाते ही उस नॉन भैया ने तपाक से बोला ''कागज की हालत तो देखो, भैया है ना.'' उसे लगा मैंने सुना नही है........ यह कोई पहला वाकया नही है जहाँ मैंने सुना हो, 'भैया' है ना.
यह लेख मैं उन सभी नॉन- 'भैया' को समर्पित करती हूँ जो यह सोचते है, कि 'भैया' लोग एकदम 'भैया' होते है.
कई लोगो को यह तकलीफ है, कि 'भैया' लोग हर जगह पहुंचे रहते है तो उनको मै यह बता दूँ भारत के संविधान में हर किसी को भारत के हर राज्य में जाकर अपनी रोजी- रोटी कमाने का हक़ है. 'भैया' लोग काम से नहीं डरते है. क्या आप जानते है कि अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए वह अपने घर से दूर आते है. मेहनत करते है, पानी पूरी का ठेला लगाते है, सब्जी बेचते है, वॉचमन का काम करते है. टैक्सी चलाते है.
अब आप यह सोचेंगे इसमें कौनसी बात है, कौन सा ये लोग टाटा - बिरला बन गए है. नहीं हर कोई टाटा - बिरला नहीं बन सकता। कम से कम 'भैया' लोग मेहनत की तो खाते है.
क्या आपको पता है? घर - घर पढ़ी जाने वाला रामचरित मानस 'अवधी' भाषा में लिखा गया है. जो की 'भैया' लोगो की भाषा है. राम - कृष्णा का जन्म उत्तर भारत की पवित्र भूमि पर हुआ था.
क्या आपको पता है? हिंदी (जो हमारी राष्ट्रभाषा है) के सबसे ज्यादा लेखक प्रेमचन्द्र, हरिवंशराय बच्चन, राजेंद्र यादव उत्तर प्रदेश के है.
अमिताभ बच्चन, सदी के महा नायक उत्तरप्रदेश के है. भारत की पवित्र गंगा, पहला अजूबा ताजमहल उत्तरप्रदेश में है. गेहूं का सबसे ज्यादा उत्पादन उत्तरप्रदेश में होता है.
हमारी भाषा मजाक उड़ाने के लिए नहीं है........... हिंदी के कई शब्द अवधी से लिए गए है.
अतः जो भी यह पढ़ रहे है, उनसे मै एक निवेदन चाहूंगी कि, 'भैया' शब्द का उपयोग सिर्फ भाई - बहन के रिश्ते के लिए छोड़ दे. 'भैया' लोग भोजपुरी भाषा बोलते है नाकि 'भैया' भाषा।
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